
Vastu Tips for New House in Hindi
नए घर के लिए वास्तु टिप्स:
- जमीन का चयन: यदि संभव हो तो, एक ऐसी जमीन चुनें जो आकार में नियमित हो (वर्गाकार या आयताकार) और अनियमित आकार वाली जमीनों से बचें। जमीन उत्तर या पूर्व की ओर झुकनी चाहिए।
- मुख्य प्रवेशद्वार: घर का मुख्य प्रवेशद्वार पूर्व, उत्तर या उत्तर-पूर्व की ओर होना चाहिए ताकि सकारात्मक ऊर्जा का उच्छालन हो सके। दक्षिण या दक्षिण पश्चिम की ओर मुख्य प्रवेशद्वार का इस्तेमाल न करें।
- लिविंग रूम: लिविंग रूम पूर्व या उत्तर की ओर होना अधिक शुभ माना जाता है। लिविंग रूम को साफ़, बिना कचरे के और अच्छी हवा से भरा रखें।
- बेडरूम का स्थान: मुख्य बेडरूम घर के दक्षिण पश्चिम कोने में होना अधिक उचित माना जाता है। अन्य बेडरूम पूर्व या उत्तर की ओर हो सकते हैं। दक्षिण पूर्व की ओर बेडरूम का उपयोग न करें।
- रसोई: रसोई आधारभूत रूप से घर के दक्षिण पूर्व कोने में होनी चाहिए। रसोई में खाना बनाने वाले को पूर्व की ओर मुख करके खाना बनाना चाहिए। रसोई को साफ़ और व्यवस्थित रखें।
- पूजा कक्ष: पूजा कक्ष या पवित्र स्थान घर के उत्तर पूर्व कोने में होना चाहिए। यह स्थान शुद्ध, प्रकाशमान और शांति भरा होना चाहिए।
- बाथरूम का स्थान: बाथरूम और शौचालय घर के उत्तर पश्चिम या दक्षिण पूर्व कोने में होने चाहिए। बाथरूम के दरवाजे को हमेशा बंद रखें।
- सीढ़ियां: यदि घर में कई मंजिल होते हैं, तो सीढ़ियों को घर के दक्षिण पश्चिम या दक्षिण की ओर स्थानित करें।
- रंग: इंटीरियर के लिए हल्के और प्रशांत रंग चुनें। बेडरूम और लिविंग रूम में गहरे और आक्रामक रंगों से बचें।
- वातावरण: हर कमरे में उचित वातावरण बनाएँ। अच्छी वेंटिलेशन पॉजिटिव ऊर्जा को स्वतंत्र रूप से बहने देती है।
- प्राकृतिक प्रकाश: घर में प्राकृतिक प्रकाश को अनुमति दें। यह शुभ माना जाता है।
- जलीय सुविधाएं: यदि आपको फव्वारा या मछलीघर जैसी जलीय सुविधा है, तो इसे घर के उत्तर पूर्व की ओर रखें।
- अनावश्यक बातचीत: वास्तविकता के लिए आवश्यक न हो, अनावश्यक बातचीत को बंद करें।
- दर्पण: बेडरूम के बिलकुल सामने या प्रमुख प्रवेशद्वार को दर्पण के सामने रखने से बचें। पूजा कक्ष में दर्पण का उपयोग न करें।
- अरघ्यमाला: घर को साफ़ और व्यवस्थित रखने का ध्यान रखें। कचरे का एकत्रण न करने से पॉजिटिव ऊर्जा का विकर्षण होता है।
ध्यान रहे कि वास्तु टिप्स सामान्य मार्गदर्शन हैं और व्यक्तिगत पसंदों और व्यवसायिक परिस्थितियों के अनुरूप उपयोग किए जा सकते हैं। वास्तु अनुभवी सलाहकार या वास्तु विशेषज्ञ से अपने नए घर के विशेष अनुशासन के लिए परामर्श करना उचित है।